Rajasthan GK Notes Free PDF Download

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{*All PDF*} राजस्थान सामान्य ज्ञान PDF राजस्थान प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ये Rajasthan GK Notes Free PDF Notes में  राजस्थान के इतिहास, भूगोल, संस्कृति, राजनीति, आर्थिक विकास और अन्य विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं।

आपके लिए ये Rajasthan GK Notes PDF in Hindi | राजस्थान का सामान्य ज्ञान आपकी हर प्रकार की राजस्थान की गवर्नमेंट एक्साम्स की तैयारी करने में बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होने वाले हे और इसके साथ ही आपको राजस्थान की प्रकर्ति तथा राजस्थान के भौगोलिक सवरूप को देखने और समझने में बहुत ही आसानी होगी तो आप यहा दिए गए Rajasthan GK Complete Notes पीडीऍफ़ आपके लिए बहुत ही जरूरी होने वाले हे तो आप डाउनलोड करे और आराम से उनको पढ कर अपनी तैयारी करे।

Rajasthan GK Notes या राजस्थान सामान्य ज्ञान उन विषयों का समूह है जो राजस्थान राज्य से संबंधित होते हैं। यह परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जैसे कि राजस्थान लोक सेवा आयोग, राजस्थान उच्च न्यायालय, राजस्थान पुलिस विभाग और अन्य परीक्षाओं में आपको इसकी जानकारी होना आवश्यक होता है।

राजस्थान जीके नोट्स कुछ निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हैं:-

  • राजस्थान का इतिहास: इसमें राजस्थान के महान राजाओं और उनके शासनकाल, राजस्थान के प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास, और राजस्थान के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य शामिल होते हैं।
  • राजस्थान का भूगोल: इसमें राजस्थान के भौतिक विशेषताएं, नदियाँ, सागर, पर्वत श्रृंखलाएं, जलवायु और वन्य जीवन के बारे में जानकारी दी जाती है।
  • राजस्थान की संस्कृति: इसमें राजस्थान के गायन, नृत्य, कला, साहित्य और रंगमंच जैसी विभिन्न कलाओं के बारे में बताया जाता है।
  • राजस्थान की आर्थिक विकास: इसमें राजस्थान की अर्थव्यवस्था, उद्योग, कृषि, पशुपालन, पर्यटन और वित्तीय संरचना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है।
  • राजस्थान के प्रमुख स्थलों का विवरण: इसमें राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल, धार्मिक स्थल, पर्यटन स्थल और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के बारे में जानकारी शामिल होती है।
  • राजस्थान से संबंधित नैतिक मूल्यों का वर्णन: इसमें राजस्थान की परंपरा, नैतिक मूल्य, सामाजिक और संस्कृतिक मान्यताओं के बारे में विवरण दिया जाता है।
  • राजस्थान से संबंधित नवीनतम विकासों का वर्णन: इसमें राजस्थान की नवीनतम तकनीकी, आर्थिक, सामाजिक और संस्कृतिक विकासों के बारे में जानकारी दी जाती है।

राजस्थान जीके नोट्स राजस्थान प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन नोट्स को पढ़ने से आप राजस्थान से संबंधित विभिन्न विषयों में विस्तृत ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं

Rajasthan GK Notes PDF Topics:-

1. राजस्थान: एक परिचय
2. स्थिति, विस्तार, आकृति व भौतिक रूप
3. राजस्थान के जलसंसाधनः नदियाँ एवं झीलें
4. राजस्थान की जलवायु एवं मृदा
5. राज्य व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका
6. प्रशासनिक इकाईयाँ एवं जिला प्रशासन
7. राजस्थान में स्थानीय स्वशासन-ग्रामीण एवं शहरी
8. शिक्षा
9. वनस्पति एवं वन्यजीव
10.पशु सम्पदा
11. कृषि
12. सिंचाई व पेयजल
13. ऊर्जा
14. उद्योग
15. खनिज
16. परिवहन
17. पर्यटन

18. सहकारी आन्दोलन
19. जनगणना-2011 – राजस्थान
20. राजस्थान में समाज कल्याण एवं विकास योजनाएँ

21. आर्थिक नियोजन
22. राजस्थान के प्रमुख दुर्ग
23. राजस्थान में सभ्यता के प्राचीन स्थल ( पुरातात्विक स्थल)
( कालीबंगा, आहड़ एवं बैराठ सहित)
24. धार्मिक जीवन, संत कवि एवं संत सम्प्रदाय
25. राजस्थान के लोक देवता एवं लोक देवियाँ
26. राजस्थान के त्यौहार
27. राजस्थान के प्रमुख मेले
28. राजस्थान के प्रमुख रीति-रिवाज, प्रथाएँ एवं वेशभूषा
29. राजस्थान में जनजातियों का सामाजिक जीवन
30. राजस्थान के प्रमुख मंदिर एवं महल
31. राजस्थान में संगीत, लोकनृत्य एवं लोकनाट्य
32. राजस्थान की चित्रकला
33. राजस्थान की लोक कलाएँ
34. राजस्थानी भाषा एवं साहित्य
35. राजस्थान के प्रमुख शिलालेख, प्रशस्तियाँ एवं सिक्के
36. राजस्थान का इतिहास
37. राजस्थान में 1857 की क्रांति एवं प्रतिरोध के प्रमुख केन्द्र
38. राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन राजनीतिक चेतना व जनआंदोलनः
39. राजस्थान का एकीकरण

1. राजस्थान: एक परिचय ( Rajasthan GK Notes ) :-

● वाल्मिकी ने राजस्थान प्रदेश को ‘मरुकान्तार’ कहा है।

● राजपूताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1800 ई. में जॉर्ज थॉमस द्वारा किया गया था। कर्नल जेम्स टॉड ने इस राज्य का नाम ‘रायथान’ रखा। उन्होंने 1829 ई. में लिखित अपनी प्रसिद्ध ऐतिहासिक पुस्तक ‘Annals & Antiquities of Rajasthan(or Central and Western Rajpoot States of India) में सर्वप्रथम इस भौगोलिक प्रदेश के लिए राजस्थान ( Rajasthan ) शब्द प्रयुक्त किया। स्वतंत्रता के पक्षात् राजस्थान एकीकरण के द्वितीय चरण में 25 मार्च, 1948 को 9 रियासतों एवं कुशलगढ़ ठिकाने के एकीकरण से राजस्थान संघ का निर्माण हुआ था।

● 1952 में हुए प्रथम आम चुनावों में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री जयनारायण व्यास विधानसभा चुनाव नहीं जीत सके, अतः श्री टीकाराम पालीवाल पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।

● 1 नवम्बर, 1956 को राज्य पुनर्गठन के बाद राजप्रमुख का पद समाप्त कर दिया गया व राज्यपाल का पद सृजित हुआ। सरदार गुरुमुख निहालसिंह राज्य के पहले राज्यपाल बने। उस समय राज्य के मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाड़िया थे।

●राजस्थान की प्रथम महिला सांसद एवं प्रथम महिला राज्य सभा सदस्य – श्रीमती शारदा भार्गव (कांग्रेस-1952

●राजस्थान से निर्वाचित प्रथम महिला लोकसभा सदस्य – श्रीमती गायत्री देवी (1961- स्वतंत्र पार्टी, जयपुर सीट) राज्य से सर्वाधिक बार निर्वाचित महिला लोकसभा सदस्य – श्रीमती वसुन्धरा राजे (भाजपा-झालावाड़ 1989 से)

● राजस्थान से अनुसूचित जाति की प्रथम महिला लोकसभा सदस्या – श्रीमती सुशीला बंगारू (भाजपा- 2004 में जालौर से)

● 16वीं लोकसभा के लिए अप्रैल, मई, 2014 में हुए चुनावों में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। इस बार राज्य से केवल एकमात्र महिला लोकसभा सदस्य श्रीमती संतोष अहलावत ही बनी I राज्य सभा में राजस्थान की सीटें – 10

● लोकसभा में राजस्थान की सीटें 25

Rajasthan राज्य में स्थापित विभिन्न बोर्ड / सिमितिया और आयोग :-

● राजस्थान राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग : राजस्थान में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (15 अप्रैल, 1987 से जम्मू-कश्मीर को छोड़कर समस्त देश में लागू) के तहत 26 मई, 1988 को राज्य आयोग का जयपुर में गठन किया गया है जिसके प्रथम अध्यक्ष न्यायाधीश श्रीकृष्णमल लोढ़ा थे।

●राजस्व मंडल, अजमेर : 1 नवम्बर, 1949 को भू-राजस्व, भू-अभिलेख एवं भू-प्रबंध की व्यवस्था हेतु स्थापित अर्द्ध न्यायिक निकाय। प्रथम अध्यक्ष : श्री बृजचंद शर्मा ।

●राज. लोक सेवा आयोग : 20 अगस्त, 1949 को अजमेर में स्थापित। सर एस. के. घोष प्रथम अध्यक्ष ।

● राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण : साल्सा (State Legal Services Authority) का गठन 7 अप्रैल, 1958 को जयपुर में किया गया।

● राज्य निर्वाचन आयोग : साल्सा (State Legal Services Authority) का गठन 7 अप्रैल, 1958 को जयपुर में किया गया।

राज्य में स्थापित विभिन्न बोर्ड / समितियाँ व आयोग : राजस्थान पंचायत राज अधिनियम, 1994 (23 अप्रैल, 1994 से लागू) के तहत इस आयोग का गठन
किया गया।

●राजस्थान सिविल सेवा अपील प्राधिकरण (RCAT) : इसका गठन राज्य कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलों व विवादों के निपटारे के लिए, 1.7.1976 को जयपुर में किया गया।

● मुख्य सूचना आयुक्त : सूचना का अधिकार अधिनियम (12 अक्टूबर, 2005 से लागू) के तहत राजस्थान सूचना आयोग का गठन कर अप्रैल, 2006 में राज्य के पहले मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम.डी. कोरानी को बनाया गया था। इसका कार्यालय जयपुर में है। प्रथम केन्द्रीय मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह थे।

● राज्य मानवाधिकार आयोग : मानव अधिकारों की रक्षा के लिए पहली बार राज्य में मानवाधिकार आयोग का गठन जयपुर में 18 जनवरी, 1999 को किया गया। आयोग ने मार्च, 2000 से कार्य प्रारम्भ किया।

● राज्य महिला आयोग : इस आयोग का गठन 15 मई, 1999 को जयपुर में किया गया। आयोग की प्रथम अध्यक्ष श्रीमती कांता

राष्ट्रीय महिला आयोग : केन्द्र सरकार ने 31.1.92 को नई दिल्ली में इस आयोग की स्थापना की।

राजस्थान की विभिन्न इकाइयों के प्राचीन व प्रचलित नाम :-

ढूँढाड़ – जयपुर व आसपास का क्षेत्र

मांड या वल्लदेश – जैसलमेर

वागड़ या वार्गट – डूंगरपुर-बाँसवाड़ा-प्रतापगढ़

आर्बुद व चंद्रावती – सिरोही व आबू के आस-पास का क्षेत्र

मरुवार या मारवाड़ – जोधपुर राज्य

मेवल – डूंगरपुर, बाँसवाड़ा के मध्य भाग

मेवात – अलवर

हाड़ौ -कोटा, झालावाड़, बूँदी व बाराँ

कुरु देश – अलवर राज्य का उत्तरी भाग

मत्स्य क्षेत्र – अलवर, भरतपुर, धौलपुर व करौली

2. स्थिति, विस्तार, आकृति व भौतिक रूप ( Rajasthan GK Notes ):-

● क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य’ राजस्थान भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य 1 नवम्बर, 2000 को बना जब छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश से पृथक होकर नया राज्य बना। पूर्व में सबसे बड़ा राज्य मध्यप्रदेश था।

● क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किमी. (देश के क्षेत्रफल का 10.41%)।

●आकृतिः विषमकोणीय चतुर्भुज के समान। स्थिति: 23’3′ उत्तरी अक्षांश से 30°12′ उत्तरी अक्षांश के मध्य (विस्तार 729) 69°30′ पूर्वी देशान्तर से 78°17′ पूर्वी देशान्तर के मध्य (विस्तार 8° 47 )

●राज्य का अधिकांश भाग कर्क रेखा (Line of Cancer- 23°5′ उत्तरी अक्षांश रेखा) के उत्तर में स्थित है। कर्क रेखा राज्य में डूंगरपुर जिले की दक्षिणी सीमा से होती हुई बाँसवाड़ा के लगभग मध्य से गुजरती है। बाँसवाड़ा कर्क रेखा के राज्य का सर्वाधिक नजदीक स्थित शहर है। डूंगरपुर एवं बाँसवाड़ा उष्ण कटिबन्ध में आने वाले जिले हैं।

● विस्तार : उत्तर से दक्षिण तक लम्बाई 826 किमी.। उत्तर में कोणा गाँव (गंगानगर) से दक्षिण में बोरकुंड गाँव (कुशलगढ़, बाँसवाड़ा) तक विस्तृत । पूर्व से पश्चिम तक चौड़ाई 869 किमी.। पश्चिम में कटरा गाँव (सम, जैसलमेर) से पूर्व में सिलावट गाँव, (राजाखेड़ा, धौलपुर) तक विस्तृत ।

 स्थलीय सीमा :5920 किमी. (1070 किमी. अन्तरराष्ट्रीय+ 4850 कि.मी. अन्तरराज्यीय) जो निम्न प्रकार विस्तृत है-

उत्तर – पंजाब (फाजिल्का व मुक्तसर-2 जिले) सीमा पर गंगानगर व हनुमानगढ़ – 2 जिले ।

पूर्व – उत्तर प्रदेश (आगरा व मथुरा-2 जिले) सीमा पर भरतपुर व धौलपुर-2 जिले । दक्षिण पूर्व – मध्यप्रदेश (झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, श्योपुर, नीमच, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, अगरमालवा व मुरैना-10 जिले) सोमा पर धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बारौं, झालावाड़, चित्तौड़गढ़,, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, बाँसवाड़ा- 10 जिले । 16 अगस्त, 2013 को अगरमालवा जिला शाजापुर से अलग होकर मध्यप्रदेश का 51वाँ जिला बना।

द. पश्चिम – गुजरात (कच्छ, बनासकाँठा, साबरकाँठा, अरावली, महीसागर व दाहोद-6 जिले) सीमा पर बाँसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर, सिरोही, जालौर व बाड़मेर- 6 जिले।

पश्चिम – पाकिस्तान (पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का बहावलनगर, बहावलपुर व रहीमयार खान तथा सिंध प्रांत के घोटकी, सुकुर, खैरपुर, संघर, उमरकोट व थारपारकर जिले- 9 जिले) सीमा पर बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर व गंगानगर- 4 जिले। इस अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा का नाम रेडक्लिफ रेखा है।

● सर्वाधिक लम्बी अंतरराष्ट्रीय सीमा : जैसलमेर तथा सबसे कम लम्बी अंतरराष्ट्रीय सीमा: बीकानेर।

●राज्य की सर्वाधिक लम्बी अंतरराज्यीम सीमा मध्यप्रदेश से तथा न्यूनतम सीमा पंजाब से मिलती है।

● झालावाड़ जिले की अन्तरराज्यीय सीमा सर्वाधिक लम्बी है जो मध्यप्रदेश से मिलती है।

● सीमावर्ती जिलों में से अंतरराष्ट्रीय सीमा के सर्वाधिक निकट शहर श्रीगंगानगर व सर्वाधिक दूर बीकानेर है।

● अन्तवर्ती जिले (s): पाली, जोधपुर, नागौर, दौसा, टोंक, बूँदी, अजमेर व राजसमंद। इन जिलों की सीमा किसी भी राज्य या अन्य देश से नहीं मिलती है।

अन्तर्राज्यीय सीमा पर स्थित जिले- बाड़मेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, ड्रॅगरपुर, बाँसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, कोटा, झालावाड़, बारौं, सवाई माधोपुर,
करौली, धौलपुर, भरतपुर, अलवर, जयपुर, सीकर, झुंझुनूँ, चुरू, श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ (23) ।

● राजस्थान में उत्तरी-पश्चिमी यह प्रदेश व पूर्वी मैदान टेथिस महासागर के अवशेष माने जाते हैं। राज्य के अरावली पर्वतीय एवं दक्षिणी-

●पूर्वी पठारी भाग गोंडवाना लैण्ड के हिस्से हैं।

● चार मरुस्थल चली के नाम से भी जाना जाता है जो ग्रेट पैलियो आर्कटिक अफ्रीकी मस्स्थल का पूर्वी भाग है। चार मरुस्थल विश्व का सर्वाधिक आबादी वाला तथा सर्वाधिक जैव विविधता वाला मरुस्थल है।

राजस्थान के पर्वत, पहाड़ियाँ व पठार Rajasthan GK:-

अरावली पर्वत श्रृंखला: यह गौंडवाना लैंड का अवशेष है। यह पर्वतमाला दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की ओर गुजरात के खेड़ब्रह्म (पालनपुर) से आरम्भ होकर राजस्थान के मध्यवर्ती 16 जिलों- उदयपुर, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, सिरोही, पाली, अजमेर, टॉक, नागौर, सीकर, झुंझुनूँ, जयपुर, अलवर, भरतपुर एवं सवाई माधोपुर होती हुई हरियाणा के महेन्द्रगढ़, नारनोल, गुडगाँव और रोहतक जिलों से केन्द्रशासित क्षेत्र दिल्ली तक विस्तृत है। इनका विस्तार खेड़ब्रह्म से खेतड़ी (झुंझुनूँ) तक श्रृंखलाबद्ध रूप में है एवं उसके बाद छोटे-छोटे हिस्सों में दिल्ली तक है। इसकी कुल लम्बाई 692 किमी. है जिसमें से 550 किमी. (80%) राजस्थान में है। इसकी चौड़ाई व ऊँचाई दक्षिण-पश्चिम में अधिक है, जो धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व में कम होती जाती है। अरावली पर्वत विश्व के प्राचीनतम वलित पर्वत ( Oldest Folded Mountain ) हैं। ये राज्य में जल विभाजक व वर्षा विभाजक रेखा का कार्य करते हैं। इसके पूर्व में गिरने वाला पानी नदियों द्वारा बंगाल की खाड़ी में तथा पश्चिम में गिरने वाला पानी अरब सागर में ले जाया जाता है। अरावली पर्वत श्रृंखला की औसत ऊँचाई समुद्र तल से 930 मीटर है। राज्य की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ इसी श्रृंखला में पाई जाती है:

● सेर( 1597 मी. ): सिरोही जिले में स्थित राज्य की दूसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी।

• जरगा (उदयपुर) : राज्य की तीसरी सबसे ऊँची (1431 मीटर) चोटी जो भोरठ के पठार में स्थित है। भोरठ का पठार राज्य का दूसरा
सबसे ऊँचा पठार है।

♦ उड़िया पठार : माउण्ट सिरोही में गुरु शिखर के नीचे स्थित राज्य का सबसे ऊँचा पठार।

• माउण्ट आबू : सिरोही में स्थित पठार।

● महत्त्वपूर्ण तथ्य In Rajasthan GK Notes:-

• खादर चंबल बेसिन में 5 से 30 मीटर गहरी खड्ड युक्त बीहड़ भूमि को स्थानीय भाषा में ‘खादर’ कहते हैं।

• धोरे : रेगिस्तान में रेत के बड़े-बड़े टीले, जिनकी आकृति लहरदार होती है।

• बरखान : रेगिस्तान में रेत के अर्द्धचन्द्राकार बड़े-बड़े टीले। ये एक स्थान से दूसरे स्थान पर गतिशील रहते हैं।

• लघु मरुस्थल : महान थार मरुस्थल का पूर्वी भाग जो कच्छ से बीकानेर तक फैला है।

• लूनी बेसिन: अजमेर के दक्षिण पश्चिम से अरावली श्रेणी के पश्चिम में विस्तृत लूनी नदी का प्रवाह क्षेत्र

• बीहड़ भूमि या कंदराएँ :चम्बल नदी के द्वारा मिट्टी के भारी कटाव के कारण प्रवाह क्षेत्र में बन गई गहरी घाटियाँ व टीले। राजस्थान व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिले भिण्ड, मुरैना, धौलपुर आदि में ये कंदराएँ(Ravines) बहुत हैं।

• खड़ीन: जैसलमेर की उत्तर दिशा में बड़ी संख्या में स्थित प्लाया झीलें, जो प्रायः निम्न कागारों से घिरी रहती हैं।

• धरियन : जैसलमेर जिले के ऐसे भू-भाग में, जहाँ आबादी लगभग नगण्य है, स्थानान्तरित बालूका स्तूपों को स्थानीय भाषा में इस नाम से पुकारते हैं।

• वागड़ प्रदेश: बाँसवाड़ा, प्रतापगढ़ व डूंगरपुर के पहाड़ी क्षेत्र को स्थानीय भाषा में वागड़ कहते हैं।

3. राजस्थान के जलसंसाधनः नदियाँ एवं झीलें :-

• राजस्थान की अधिकांश नदियाँ बरसाती हैं। माही व चम्बल प्रमुख बारहमासी नदी तथा लूनी व बनास प्रमुख बरसाती नदियाँ हैं। अरावली पर्वत श्रृंखला प्रदेश की नदियों को दो भागों में विभाजित करती है :-
• बंगाल की खाड़ी में जल ले जाने वाली नदियाँ: चम्बल, बनास, काली सिंध, पार्वती, बाणगंगा, खारी, बेड़च, गंभीर आदि नदियाँ अरावली के पूर्वी भाग में प्रवाहित है।
• अरब सागर में जल ले जाने वाली नदियाँ : माही, सोम, जाखम, साबरमती, पश्चिमी बनास, लूनी आदि। पश्चिमी बनास व लूनी नदी गुजरात में कच्छ के रन में विलुप्त हो जाती हैं।
● राज्य में चुरू व बीकानेर ऐसे जिले हैं, जहाँ कोई नदी नहीं है। गंगानगर में यद्यपि पृथक से कोई नदी नहीं है लेकिन वर्षा होने पर घाय की बाढ़ का पानी सूरतगढ़-अनूपगढ़ तक चला जाता है।
● राज्य में पूर्णतः बहने वाली सबसे लंबी नदी तथा सर्वाधिक जलग्रहण क्षेत्र वाली नदी बनास है।
●  राज्य की सबसे लंबी नदी व सर्वाधिक सतही जल वाली नदी चंबल है।
●  राज्य में कोटा संभाग में सर्वाधिक नदियाँ हैं।
●  सर्वाधिक बाँध बल नदी पर बने हुए हैं।
● चम्बल नदी पर भैंसरोडगढ़ (चित्तौड़गढ़) के निकट चूलिया प्रपात तथा माँगली नदी पर बूँदी में प्रसिद्ध भीमलत प्रपात है।
●अंतरराज्यीय सीमा (राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा) बनाने वाली राज्य की एकमात्र नदी चम्बल है।

5. राज्य व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका :-

●राज्य की विधायी शक्ति (कानून निर्माण की शक्ति) राज्य विधान मंडलू (विधानसभा) में निहित है।
• प्रत्येक राज्य में एक विधानमंडल है। प्रत्येक राज्य का विधानमंडल राज्यपाल तथा एक या दो सदनों से मिलकर बनता है। अधिकांश राज्यों (22) में एक सदनीय विधानमंडल (‘विधानसभा’) है जबकि सात राज्यों में द्विसदनीय विधानमंडल है, जिनमें प्रथम सदन (निम्न सदने) को विधान सभा और द्वितीय सदन (उच्च सदन) को विधान परिषद् के नाम से सम्बोधित किया जाता है।
●राजस्थान का विधान मंडल एक सदनीय (केवल विधानसभा) है। देश के 7 राज्यों- जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश व तेलंगाना के विधान मंडल द्विसदनीय (विधानसभा एवं विधान परिषद) हैं। तेलंगाना (29वें राज्य) का गठन 2 जून, 2014 को आन्ध्रप्रदेश से अलग होकर हुआ है।
● राज्यपालः एकीकरण के बाद राजस्थान में राजप्रमुख का पद सृजित किया गया था। राज्य के पहले व एकमात्र राजप्रमुख 30 मार्च, 1949 को जयपुर के भूतपूर्व महाराजा सवाई मानसिंह बनाए गए, जिन्होंने 1 नवम्बर, 1956 तक कार्य किया। राजस्थान में 1 नवम्बर, 1956 को राज्य के पुनर्गठन के बाद राजप्रमुख के स्थान पर राज्यपाल का पद सृजित हुआ। राज्य के प्रथम राज्यपाल सरदार गुरुमुख निहालसिंह बनें।
● राज्यपाल राज्य का संवैधानिक मुखिया होता है। राज्य की समस्त कार्यपालिका व विधायी शक्तियाँ राज्यपाल में निहित होती हैं। वह राज्य का प्रथम नागरिक है।
• नियुक्ति; राज्यपाल के नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 155 के अधीन की जाती है।
कार्यकाल: राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त (अनुच्छेद 156 के अधीन), अपना पद धारण करता है, लेकिन सामान्यत: कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है। हालांकि राष्ट्रपति उसे कभी भी पद से हटा सकता है।

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• त्यागपत्र: राज्यपाल राष्ट्रपति को अपना लिखित व हस्ताक्षरित त्यागपत्र प्रेषित कर पदमुक्त हो सकता है।
● राज्यपाल विधानसभा में बहुमत प्राप्त व्यक्ति को मुख्यमंत्री एवं उसकी बलाह पर अन्य मंत्रियों को नियुक्तुं करता है एवं शपथ दिलाता है।
● विधान मंडल द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ही कानून का रूप लेते हैं।
● विधानसभा के सत्रावसान के दौरान आवश्यक होने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर कानून निर्माण कर सकता है।
● राज्यपाल राज्य के महाधिवक्ता, विश्वविद्यालय के कुलपति, लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों राज्य निर्वाचन आयुक्त, मुख्य
• सूचना आयुक्त, राज्य वित्त आयोग, लोकायुक्त आदि महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति करता है।
● विधानसभाः प्रत्येक राज्य की विधान सभा में अनु. 170 के अनुसार न्यूनतम 60 और अधिकतम 500 सदस्य हो सकते हैं। यह सदस्य राज्य के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से जनता (वयस्क मतदाताओं द्वारा) द्वारा प्रत्यक्ष रूप से बहुमत के आधार पर निर्वाचित होते हैं।
● विधान सभा का कार्यकाल: अनु. 172 के तहत् प्रथम अधिवेशन की तिथि से 5 वर्ष, लेकिन असामान्य परिस्थितियों में राज्यपाल इसे पूर्व में भी विघटित कर सकता है।
• विधानसभा की कार्यवाही का संचालन विधानसभाध्यक्ष (Speaker) द्वारा किया जाता है जिसका निर्वाचन विधानसभा सदस्यों द्वारा अपने में से ही बहुमत द्वारा किया जाता है। उपाध्यक्ष का निर्वोचन भी विधानसभा सदस्य अपने में से करते हैं।

6. प्रशासनिक इकाईयाँ एवं जिला प्रशासन :-

● राज्य के प्रशासन तंत्र के शीर्ष स्तर पर शासन सचिवालय है जो जयपुर में स्थित है। शासन सचिवालय समस्त राज्य के प्रशासन का नियंत्रक एवं केन्द्र बिन्दु है। यह मंत्रिपरिषद द्वारा बनाई गई नीतियों, नियमों एवं लिए गए निर्णयों को लागू करवाने का कार्य करता है।

● मुख्य सचिव : शासन सचिवालय का मुखिया मुख्य सचिव होता है। इसकी नियुक्ति मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है। मुख्य सचिव शासन सचिवों के माध्यम से राज्य प्रशासन का नियंत्रण व संचालन करता है।

●राज्य के पहले मुख्य सचिव श्री के. राधाकृष्णन (13.04.1949-02.05.1950) थे। श्री भगवतसिंह मेहता का कार्यकाल मुख्य सचिवों में सर्वाधिक था।

● श्री विपिन बिहारी लाल माथुर सर्वाधिक मुख्यमंत्रियों के काल में मुख्य सचिव रहे।

●राज्य में वर्तमान में 295 पंचायत समितियाँ, 9900 ग्राम पंचायतें व 33 जिला परिषदें हैं। 33वीं जिला परिषद् का गठन प्रतापगढ़ जिले में किया गया है। सर्वाधिक पंचायत समितियाँ बाड़मेर व उदयपुर (17) व न्यूनतम जैसलमेर में (3) हैं। सर्वाधिक ग्राम पंचायतें उदयपुर में 543 तथा न्यूनतम जैसलमेर में 140 हैं। सर्वाधिक तहसीलें- भीलवाड़ा, अजमेर, अलवर व जयपुर जिलों में (प्रत्येक में 16) व न्यूनतम तहसीलें जैसलमेर में 4 हैं। सर्वाधिक उपखण्ड भीलवाड़ा में 16 व न्यूनतम जैसलमेर में 4 हैं।

●राज्य में वर्तमान में 7 नगर निगम (जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर बीकानेर, उदयपुर व भरतपुर) हैं। 34 नगर परिषदें एवं 147 नगर पालिकाएँ हैं।

● जिलाधीश (District Collector ) जिला स्तरीय प्रशासन का प्रधान होता है। वह जिले में कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के साथ- साथ विभिन्न विकास कार्यों एवं राजस्व मामलों की देखरेख भी करता है।

● वर्तमान में पुलिस प्रशासन विभाग का मुखिया पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) है। पुलिस मुख्यालय जयपुर में है। जिला स्तर पर पुलिस प्रशासन का मुखिया जिला पुलिस अधीक्षक होता है।

● 1 जनवरी, 2011 से जयपुर एवं जोधपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई है। अब जयपुर एवं जोधपुर में पुलिस का प्रमुख पुलिस अधीक्षक (SP) की जगह ‘पुलिस कमिश्नर’ है।

 

 

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